संग्रह
पांडुलिपि
विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में संस्कृत, बंगाली, अरबी और फारसी जैसी पांडुलिपियों के कई खंडों को संरक्षण प्राप्त है। इसके संरक्षित खजाने में अनवर-ए-सुहेली, खमसा-ए-निजामी और नल-दमयंती जैसी उल्लेखनीय कृतियाँ है, जो इसके विविध संरक्षित संग्रह को और समृद्ध करती हैं।

नल दमयंती। संस्कृत महाभारत की एक कथा- नल और दमयंती की प्रसिद्ध सर्ग। मुगल सम्राट अकबर के आदेश से फारसी में अनुवाद- शेख फैजी (1547-1595) (फारसी पांडुलिपि)
म्युजियम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रदर्शित
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अनवर-ए-सोहली। पंचतंत्र और हितोपदेश का फारसी संस्करण, मूल रूप से संस्कृत की 100 चुनिंदा कहानियों का संग्रह (पशुओं की कथा पर आधारित अच्छे उपदेशों की एक पुस्तक)- मुल्ला हुसैन इब्न अली औऱ वैज-अल-कशीफी (फारसी पांडुलिपि)
म्युजियम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रदर्शित
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टीपू सुल्तान की नोटबुक। मुख्य रूप से तोपकला पर एक पुस्तक। (फारसी पांडुलिपि)।
म्युजियम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रदर्शित
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कैलकटा लॉटरी कमिटी की कार्यवाही। (अंग्रेजी पांडुलिपि)
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म्युजियम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रदर्शित
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