24 जनवरी से 9 फरवरी 2025; कलकत्ता मेमोराबिलिया

कलकत्ता मेमोराबिलियाएक विशेष प्रदर्शनी है, जिसका उद्घाटन विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में इंटैक कलकत्ता चैप्टर के सहयोग सेभव्य दरबार हॉल में हुआ, जिसमेंसमूह के सदस्यों द्वारा योगदान-स्वरूप एक सुसंगठित संग्रह प्रस्तुत किया गया है, जो कलकत्ता केविरासत की एक अनोखी झलक प्रदान करता है।यह पहल समुदायिक साझेदारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है, जो स्थानीय इतिहासों को संरक्षित करने और साझा करने में मदद करती हैं, जिससे व्यक्तियों को अतीत के साथ एक अर्थपूर्ण रूप से जुड़ने का अवसर मिलता है।

महिलाओं के इतिहास को समर्पित एक विशेष अनुभाग, इस प्रदर्शनी को और भी समृद्ध करता है, जो उन कथाओं को प्रस्तुत करने का एक मंच प्रदान करता है जिन्हें अक्सर नजरअंदाज किया गया है। इन कम दर्शायी जाने वाली कहानियों को शामिल करके, प्रदर्शनी का उद्देश्य कलकत्ता के इतिहास की एक अधिक समावेशी समझ को बढ़ावा देना हैऔर शहर के विकास और सांस्कृतिक धारा में महिलाओं के योगदान को सम्मानित करना है।

प्रमुख प्रदर्शित वस्तुओं में जादूगर पी.सी. सरकार का परिधान, 15 अगस्त 1947 की तारीख वाले दुर्लभ समाचार पत्र, महिलाओं पर आधारित माचिस की डिब्बियों के ऊपरी आवरण और कई अन्य आकर्षक चीज़ें शामिल हैंजो कलकत्ता की विविध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक यात्रा को जीवंत रूप से प्रस्तुत करती हैं।

यह प्रदर्शनी 24 जनवरी से 9 फरवरी 2025 तक दर्शकों के लिए जारी रहेगी।

2 जनवरी 2025: नैरेटिंग द नेशन थ्रू पेन्टिंग्स:अवनींन्द्रनाथ टैगोर्स नेशनलिज्म

एक विशिष्ट व्याख्यान “नैरेटिंग द नेशन थ्रू पेन्टिंग्स:अवनींन्द्रनाथ टैगोर्स नेशनलिज्म” के साथ अवनींन्द्रनाथ टैगोर की चित्रकारी की जारी प्रदर्शनी- बिटविन होम एंड द वर्ल्ड : अरेबियन नाइट्स,क्युबिस्ट एक्सप्रेशन्स एंड फेमिनाइन इंटीरियर्स ऑफ जोड़ासांको,में आपको आमंत्रित करते हुए हमें अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है अवनींन्द्रनाथ टैगोर के परपोते, डॉ. देबाशीष बनर्जी द्वारा व्याख्यान प्रस्तुतिकरण (हरिदास चौधुरी प्रोफेसर ऑफ इंडियन फिलोसॉफीज एंड कल्चर्स, दोसी प्रोफेसर ऑफ एशियन आर्ट एट द कैलिफोर्निया इंस्टीच्यूट ऑफ इंटीग्रल स्टडीज(सीआईआईएस) सैनफ्रांसिस्को).

समय : 4.00 बजे

स्थान : वि.मे.हॉल का सभागार

20– 24 दिसंबर 2024: पहली बार विक्टोरिया मेमोरियल हॉल सांस्कृतिक महोत्सव 2024– संस्कृति पाड़ा

कोलकाता का प्रमुख प्रतीक स्थल,विक्टोरिया मेमोरियल हॉल (वि.मे.हॉल) कोलकाताने 20 से 24 दिसंबर 2024 तक अपना पहला विक्टोरिया मेमोरियल हॉल सांस्कृतिक महोत्सव 2024 संस्कृति पाड़ाका आयोजन किया।इस उद्घाटन कार्यक्रम ने भारत की समृद्ध कलात्म धरोहर का उत्सव मनायाऔर प्रतिष्ठित तथा उभरते कलाकारों को भारत के शास्त्रीय कला-रूपों की विविध परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए एक जीवंत मंच प्रदान किया।इस महोत्सव ने विक्टोरिया मेमोरियल हॉल की भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को उजागर कियातथा कलात्मक आदान-प्रदान और सराहना के लिए कलाकारों को एक गतिशील मंच प्रदान किया।

6th दिसंबर 2024 – 5th जनवरी 2025; बिटविन होम एंड द वर्ल्ड :अरेबियन नाइट्स, क्यूबिस्ट एक्सप्रेशन, एंड फेमिनिन इंटीरियर्स ऑफ जोड़ासांको

विक्टोरिया मेमोरियल हॉल और बंगाल बिएनाले ने एक संयुक्त प्रदर्शनी “बिटविन होम एंड द वर्ल्ड : अरेबियन नाइट्स, क्यूबिस्ट एक्सप्रेशनएंड फेमिनिन इंटीरियर्स ऑफ जोड़ासांको का आयोजन किया है, जो 6 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के दरबार हॉल में आयोजित होगी। यह प्रदर्शनी बंगाल-कला के तीन प्रमुख हस्तियों- गगनेन्द्रनाथ ठाकुर, अवनींन्द्रनाथ ठाकुर और सुनयनी देवी के रूपांतरित कार्यों को प्रदर्शित करती है और सांस्कृतिक पहचान, विखंडन, कथा, और 20वीं सदी की शुरुआत में कला के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका जैसे विषयों की पड़ताल करती है।

6th दिसंबर 2024 – 5th जनवरी 2025; इन द प्रेजेंस ऑफ द इटरनल : हेनरी कार्टियर-ब्रेसन एट श्री अरबिंदो आश्रम

6 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक, विक्टोरिया मेमोरियल हॉल और बंगाल बिएनाले एक संयुक्त प्रदर्शनी “इन द प्रेजेंस ऑफ द इटरनल : हेनरी कार्टियर-ब्रेसन एट श्री अरबिंदो आश्रम” का आयोजन करेंगे। यह प्रदर्शनी महान भारतीय समाज-सुधारक वीथी के पास स्थित गलियारे में आयोजित होगी, और यह कार्टियर-ब्रैसन के सन्1950 में आश्रम यात्रा के दौरान वहाँ के एकांत और शांतिपूर्ण संसार की दुर्लभ झलक प्रस्तुत करती है। उनकी तस्वीरें गहरी श्रद्धा, आध्यात्मिकता और आत्मनिरीक्षण की भावना को दर्शाती हैं, जो व्यक्तिगत अनुभवों और सार्वभौम सत्य के बीच एक सुंदर सामंजस्य स्थापित करती हैं।

6th दिसंबर 2024 – 5th जनवरी 2025; थ्रेड्स ऑफ द रामायण : अ कांथा क्रॉनिकल

6 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक, विक्टोरिया मेमोरियल हॉल और बंगाल बिएनाले एक संयुक्त प्रदर्शनी “थ्रेड्स ऑफ द रामायण: अ कांथा क्रॉनिकल” का आयोजन किया है,जो विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के महान भारतीय समाज-सुधारक वीथी में लगाई जाएगी। इस प्रदर्शनी मेंएस. एच. ई.कांथा के ग्रामीण बंगाल के कारीगरों द्वारा बड़े धीरज और सहेजे गए कौशल से हाथ से तैयार किया गया एक अद्वितीय वॉल हैंगिंग प्रदर्शित किया जाएगा, जो प्राचीन रामायण कथा को जीवंत करता है। दो वर्षों से अधिक समय में निर्मित यह कला-कार्य 42 पेंचीदा कढ़ाई किए गए पैनल्स से सुसज्जित है, जिनमें रामायण के महत्त्वपूर्ण घटनाओं को समृद्ध विवरण और गहरी भावना के साथ प्रस्तुत किया गया है, तथाजो कारीगरों की सांस्कृतिक धरोहर के प्रति अंतरंगता और उनके असाधारण कौशल को दर्शाता है।

6th दिसंबर 2024 – 5th जनवरी 2024; अरबनस्केप

विक्टोरिया मेमोरियल हॉल और बंगाल बिएनाले ने एक संयुक्त प्रदर्शनी “अरबनस्केप” का आयोजन किया है, जो 6 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के दक्षिण द्वार पर आयोजित होगी। इस प्रदर्शनी में कलाकार परेश माइति ने कटहल(कांठाल) के रूप का उपयोग करते हुए शहरी जीवन की विशालता की खोज की है। कटहल की कांटेदार संरचना को कांसे में ढाला गया है, जिसका उभरा हुआ रूप शहरों की तंग और अत्यधिक आबादी वाली स्थिति को दर्शाता है, और यह सामूहिकता के बीच अकेलेपन का प्रतीक बनता है।

7 दिसंबर 2024: बेंगाल बिएनेल प्रदर्शनी का उद्घाटन, वॉकथ्रू और पैनल चर्चा

7 दिसंबर 2024 कोबेंगाल बिएनेल 2024 के अवसर पर विक्टोरिया मेमोरियल हॉल ने चार प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया, जिसमें बीटवीन होम एंड द वर्ल्ड: अरेबियन नाइट्स, क्यूबिस्ट एक्सप्रेशंसऔर जोड़ासांको के फेमिनिन इंटीरियर्सशामिल थीं। उद्घाटन के बाद एक पैनल चर्चा हुईजिसमें संग्रहाध्यक्ष श्री आर. शिव कुमार, और लेखिका और प्रोफेसर,श्रीमती रत्नाबाली चटर्जीने प्रदर्शनी के कलात्मक और सांस्कृतिक विषयों पर ज्ञानवर्धन किया।

साथ ही, इस दिन, प्रतिष्ठित कलाकार पद्मश्री परेश माइति ने कटहल के रूप में निर्मित अपनी कांस्य मूर्ति अर्बनस्केपको प्रदर्शित कियाऔर इस कृति के प्रतीकात्मक और शहरी महत्व पर प्रकाश डाला।

5 और 6 दिसंबर 2024: उत्सव III

विक्टोरिया मेमोरियल हॉल ने कोलकाता सेंटर फॉर क्रिएटिविटी के साथ मिलकर5 एवं 6 दिसंबर 2024 कोउत्सव III’ का आयोजन किया, जो एएमआई आर्ट्स फेस्टिवल 2024 का हिस्सा था। इस विशिष्ट कार्यक्रम ने युवा और उभरते कलाकारों को नृत्य, संगीत और रंगमंच के क्षेत्रों में अपनी प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक बहुमूल्य अवसर प्रदान किया।