संग्रह
अस्त्र और कवच
भारतीय शासकों के साथ-साथ ब्रिटिश अधिकारियों के अस्त्र और कवच विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के बहुचर्चित अनुभागों में से एक है। लॉर्ड कर्जन की इच्छा थी कि भारत की अलग-अलग रियासतों के शासकों से अस्त्र-शस्त्रों को प्राप्त किया जाए। संग्रहालय में तलवार, भाले, ढाल, सुसज्जित खंजर, बंदूकें आदि प्रदर्शित की गई हैं। संग्रहालय में भारतीय, तुर्की और यूरोपीय मूल की कारतूस, फ्लिंटलॉक और पर्कशन इत्यादि बंदूकों का एक समृद्ध भण्डार है। प्रिंस हाल में प्रथम विश्व युद्ध के समय प्रयोग की गई राइफल की प्रदर्शनी लगाई गई है। उनके रूप, आकार और सजावट आकर्षक हैं।

टीपू सुल्तान की तलवार- रॉयल यूनाइटेड सर्विस संग्रहालय में पूर्व-प्रदर्शित, सोने की नक्काशी वाले आवरण के दो हिस्से हैं, शेर के सिर वाली सोने की मूठ छोटे-छोटे रंगीन पत्थरों से जड़ी हैं।
म्यूजियम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रदर्शित
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कर्नल क्लाइव द्वारा जून, सन् 1757 में हासिल की गई लोहे और कांसे की फ्रेंच तोप।
म्यूजियम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रदर्शित
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नक्काशीदार खंजर। हाथी के सिर की खुदाई वाली हाथीदांत की मूठ।
म्यूजियम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रदर्शित
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टीपू सुल्तान की तलवार- रॉयल यूनाइटेड सर्विस संग्रहालय में पूर्व-प्रदर्शित, सोने की नक्काशी वाले आवरण के दो हिस्से हैं, शेर के सिर वाली सोने की मूठ छोटे-छोटे रंगीन पत्थरों से जड़ी हैं।
म्यूजियम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रदर्शित
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